नवग्रह जाप पूजन हिंदू धर्म में एक विशेष अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य नवग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत करना और उनके शुभ प्रभावों को बढ़ाना होता है। यह पूजन व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूल स्थितियों को सुधारने के लिए किया जाता है। नवग्रह (नौ ग्रह) — सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु — हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं, और इन ग्रहों का संतुलन जीवन में सफलता, स्वास्थ्य, समृद्धि, और शांति लाने में सहायक होता है।
नवग्रह जाप पूजन का उद्देश्य:
- ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करना: जन्म कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति जैसे शनि की साढ़ेसाती, मंगल दोष, राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए यह पूजन किया जाता है।
- शुभ फल की प्राप्ति: ग्रहों का अनुकूल प्रभाव प्राप्त करने के लिए यह पूजन किया जाता है।
- जीवन में शांति और समृद्धि: यह पूजन जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
- बीमारियों का निवारण: ग्रहों के प्रभाव से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए नवग्रह जाप पूजन का आयोजन किया जाता है।
नवग्रह जाप पूजन की विधि:
नवग्रह जाप पूजन के दौरान प्रत्येक ग्रह के लिए मंत्रों का जाप किया जाता है। इस पूजन में मुख्यतः जाप, हवन और ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान किया जाता है। इस पूजन की विधि निम्नलिखित है:
पूजन की तैयारी:
- शुद्धिकरण: सबसे पहले पूजा स्थल का शुद्धिकरण गंगाजल या पवित्र जल से किया जाता है। पूजा करने वाले व्यक्ति को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- पूजा स्थल का निर्माण: पूजा स्थल पर नवग्रह यंत्र, नवग्रहों की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित किए जाते हैं।
- पूजा की सामग्री: प्रत्येक ग्रह की पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे फूल, वस्त्र, धूप, दीप, चंदन, और संबंधित ग्रह से जुड़ी वस्तुएं (अनाज, रत्न आदि)।
पूजन की प्रक्रिया:
- संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले संकल्प किया जाता है, जिसमें पूजा का उद्देश्य और पूजनकर्ता का नाम, गोत्र, और स्थान का उल्लेख किया जाता है।
- गणेश पूजन: नवग्रह पूजन से पहले गणपति पूजन किया जाता है ताकि सभी बाधाओं का निवारण हो सके।
- नवग्रह पूजन:
- प्रत्येक ग्रह की मूर्ति या यंत्र को विशेष मंत्रों के साथ अभिमंत्रित किया जाता है।
- ग्रहों के अनुसार सामग्री अर्पित की जाती है, जैसे सूर्य के लिए लाल फूल और गुड़, चंद्रमा के लिए सफेद चंदन और दूध, मंगल के लिए लाल वस्त्र और मसूर की दाल आदि।
- नवग्रह जाप: नवग्रहों के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। मंत्र जाप की संख्या आमतौर पर 108, 1008 या 125000 हो सकती है। प्रत्येक ग्रह के लिए मंत्र इस प्रकार है:
- सूर्य मंत्र: “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
- चंद्र मंत्र: “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः”
- मंगल मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
- बुध मंत्र: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
- गुरु मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”
- शुक्र मंत्र: “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
- शनि मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
- राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
- केतु मंत्र: “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
- हवन (यज्ञ): नवग्रह पूजन के अंत में हवन किया जाता है। इसमें हवन कुंड में घी, तिल, चावल, और ग्रहों से संबंधित सामग्री डालकर आहुति दी जाती है। प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष मंत्रों के साथ आहुति दी जाती है।
- दान: नवग्रह पूजन के बाद विशेष वस्तुओं का दान किया जाता है, जैसे तांबे के बर्तन, वस्त्र, तिल, गुड़, अनाज, रत्न आदि। यह दान ग्रहों की शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नवग्रह मंत्र जाप की संख्या:
नवग्रह मंत्रों का जाप आमतौर पर ग्रह की स्थिति और व्यक्ति की समस्या के अनुसार किया जाता है। सामान्यत: निम्नलिखित संख्या में मंत्र जाप किया जाता है:
- ग्रह की स्थिति बहुत प्रतिकूल होने पर: 125,000 बार
- मध्यम प्रतिकूलता पर: 10,000 से 50,000 बार
- हल्की प्रतिकूलता के लिए: 1,008 बार या 108 बार
नवग्रह जाप पूजन का समय:
नवग्रह पूजन के लिए किसी शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है। यह पूजन अमावस्या, पूर्णिमा, ग्रहण के समय, या व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूल दशा के दौरान किया जाता है। नवग्रह शांति के लिए सप्ताह के विशेष दिनों का भी महत्व होता है, जैसे रविवार (सूर्य), सोमवार (चंद्र), मंगलवार (मंगल) आदि।
नवग्रह जाप पूजन के लाभ:
- ग्रहों के दोष निवारण: नवग्रह जाप पूजन से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष जैसे साढ़ेसाती, मंगल दोष, राहु-केतु दोष, और कालसर्प दोष का निवारण होता है।
- स्वास्थ्य सुधार: ग्रहों के अशुभ प्रभाव से उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सुधार होता है।
- आर्थिक समृद्धि: नवग्रहों की शांति से आर्थिक समृद्धि और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- शांति और संतुलन: जीवन में सुख-शांति और पारिवारिक संतुलन बना रहता है।
- सफलता और उन्नति: नवग्रह जाप से व्यक्ति के सभी कार्यों में सफलता मिलती है और करियर व शिक्षा में उन्नति होती है।
नवग्रह जाप पूजन से व्यक्ति को ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति, सुख, और शांति प्राप्त होती है।